Tuesday, September 2, 2014

Poem


खिलते फूलो की वादी शायद फूल और धूप खिले है वादी में आज और तुम... बैठी हो चिनार तले एक सफ़ेद पत्थर पे ठंडी धार में पांव रखे धरा से व्योम तक हिमालय की गोद भरे . ..

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